Friday, March 2, 2012

manmeet ke naam

आच्छा लगता है 
बड़ा आच्छा लगता है 
तुझ को सोचना 
फिर मेरी आँखों का छलक आना 
आच्छा लगता है 
जब आँख छलक आये 
फिर  धीमे से मुस्कुराना
आच्छा लगता है
छुपकर के तुझे हँसते हुए देखना 
फिर मेरे आते ही तेरा नज़रे चुराना 
अच्छा लगता है 
तुझसे मिलकर बाते करने की कोशिश करना 
फिर भी तेरा कोई जबाब न आना 
अच्छा लगता है 
तेरे आने की अब तो कोई खबर नहीं 
फिर भी तेरा इंतजार करना 
अच्छा लगता है 
तुझको लेकर ख़ाब सजाना 
फिर उनका टूट जाना 
अच्छा लगता है 
बड़ा आच्छा लगता है 
अच्छा लगता है 


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